Delay in Marriage, ज्योतिषीय कारण और उपाय
Delay in Marriage II late marriage II marriage after 30 II marriage astrology II विवाह में देरी।। देर से शादी।।
Delay in Marriage एक ऐसी समस्या है जिससे पूरा परिवार परेशान होता है। जिसका विवाह रुका हो लग्न न हो रहा हो ऐसे लोग क्या क्या उपाय करते हैं और उनके मन में क्या चलता है ये उनसे बेहतर कोई नहीं समझता। आइए एक नजर डालते हैं कुंडली में ग्रहों की उन स्थितियों पर जिनमें होने से होती है Delay in Marriage :
Delay in Marriage के कारण
वेदिक ज्योतिष के अनुसार Delay in Marriage के कुछ कारण हैं जो अगर जातक की कुंडली में हो तो उसके विवाह में अड़चन आती है और उन्हें late marriage करनी पड़ती है। ऐसे कारण निम्न हैं:
सप्तम भाव का पीडि़त होना
कुंडली में सातवें घर को विवाह का घर कहते हैं। अगर इस स्थान में कोई पापी ग्रह जैसे मंगल, सूर्य, शनि राहू अथवा केतु विराजमान हों या कुंडली के अशुभ भाव अर्थात 6, 8, और 12वें भाव के स्वामी यहां बैठे हों तो विवाह में बाधा और Delay in Marriage के संकेत प्राप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त यदि सप्तम भाव में उपस्थित ग्रह वक्री हो तो भी विवाह में देरी होती है।
महत्वपूर्ण बात है कि यदि इस भाव में शनि बैठ जाएं तो जातक का विवाह सबसे अधिक देर से होता है।
सातवें भाव के स्वामी से पाप ग्रहों की युति
सप्तम भाव का स्वामी ग्रह अगर मंगल, सूर्य, शनि, राहू और केतु के साथ युति कर रहा हों या इन ग्रहों की दृष्टि हो तो भी विवाह में देरी होना स्वाभाविक है।
सूर्य सप्तमेश हो और 6ठें या 12वें स्थान में विराजमान हो तो यह भी विवाह में देरी के संयोग हैं।
शुक्र तथा बृहस्पति ग्रह का प्रभाव
स्त्रियों में विवाह का प्रबल कारक ग्रह बृहस्पति होता है और पुरुषों में शुक्र अत: यदि यह ग्रह कुंडली में बलहीन हों तो भी जातक का विवाह समय से नहीं हो पाता है।
इन ग्रहों के बलहीन होने की स्थिति में व्यक्ति के जीवन में शादी के संयोग ही नहीं बन पाते हैं।
इसके बाद जातक की नवांश कुंडली को देखते हैं:
लग्न और सप्तम भाव में पाप ग्रह
अगर नवांश कुंडली में लग्न और सप्तम भाव में पाप ग्रह है या अपना प्रभाव डाल रहा है तो भी विवाह में देरी निश्चित समझी जाए। ऐसे जातक के विवाह में देरी होती है और समय आने पर आनन-फानन में विवाह करना पड़ता है।
महादशा का प्रभाव
कुंडली में चल रही महादशा का बड़ा रोल होता है। ग्रह सही हों और महादशा किसी ऐसे ग्रह की हो जो शुभ फल न दे रहा हो तो भी विवाह में रुकावट आती है। जबकि ग्रह सप्तम भाव में सही न हों लेकिन किसी शुभ ग्रह की महादशा चल रही हो तो विवाह निश्चित हो जाता है।
12वें भाव से विवाह का संबंध
जन्म कुंडली के अनुसार 12वां भाव व्यय स्थान होता है साथ ही इस भाव से शैय्या सुख भी देखा जाता है। ऐसा देखा गया है कि जिस कुंडली में 12वें भाव में दो पाप ग्रह एक साथ हों उनकों इस भाव के सुख बहुत विलम्ब से मिलते हैं जिसका साफ अर्थ विवाह में देरी से समझा जा सकता है।
लाल किताब के अनुसार Delay in Marriage
- लाल किताब के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो ऐसी अवस्था में वह विवाह के सुख को सही समय पर नहीं भोग पाता और Delay in Marriage हो जाती है।
- यदि किसी जातक की नवांश कुंडली में ऐसा दोष हो जिसका संबंध सप्तम भाव से हो या शुक्र ग्रह से हो तो भी ऐसे जातकों का विवाह लाल किताब के अनुसार बहुत आसानी से नहीं होता। काफी संघर्ष के बाद विवाह होता हे तो Delay in Marriage हो ही जाती है।
- लाल किताब के अनुसार कुंडली में मांगलिक दोष हो तो भी जातक विवाह का सुख आसानी से नहीं भोग पाता। विवाह के लिए उसे विलम्ब होता है और बहुत संघर्ष भी करना होता है।
- सप्तम अथवा 12वें भाव में गुरू बृहस्पति अथवा कोई शुभ ग्रह योग कारक न हो तो Delay in Marriage होती है।
- कुंडली में यदि चंद्रमा कमजोर हो तो भी सही समय पर शादी नहीं होती। इस वजह से ही Delay in Marriage हो जाती है।
- लाल किताब के अनुसार 7वें भाव का स्वामी ग्रह केतु के साथ बैठ जाए या सातवें भाव में सूर्य, मंगल में से कोई एक ग्रह विराजमान हो तो भी Delay in Marriage होती है।
- इसके अलावा लाल किताब के अनुसार सातवें भाव में कोई ग्रह नीच राशि में होकर विराजमान हो अथवा कोई बुरा योग बना रहा हो तो भी इसका सीधा प्रभाव जातक के विवाह के समय पर पड़ता है।
Delay in Marriage के उपाय
यदि विवाह में विलम्ब हो रहा हो निम्न उपाय लाभदायक होते हैं:
1- ऐसे लड़के जिनके विवाह में रुकावट आ रही है उन्हें शुक्रवार के दिन 3 कन्याओं को सफेद वस्तु दान करनी चाहिए।
2- शिव-पार्वती की एक साथ उपासना अथवा पूजन करना चाहिए। इससे विवाह में आ रही विघ्न बाधाएं समाप्त होती हैं।
गौरी-शंकर रुद्राक्ष को भगवान शिव और मां पार्वती का स्वरूप माना गया है। ऐसा कहा जाता है गौरी-शंकर रुद्राक्ष में शिव-पार्वती प्राकृतिक रूप लेकर अवतरित होते हैं। इसे धारण करने से विवाह और दाम्पत्य जीवन में आने वाली सभी समस्या दूर हो जाती है।
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3- दो मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के अर्धनारिश्वर रूप का प्रतीक माना गया है। अत: इसे सच्ची श्रृद्धा से धारण किया जाए तो विवाह में आ रही बाधाएं और ग्रह दोष दूर हो जाता है।
4- स्त्रियों को केले के युगल पौधे का पूजन करना चाहिए। इससे शीघ्र विवाह होता हैं।
5- 16 सोमवार का व्रत करें तो भगवान शिव और मां पार्वती के आशीर्वाद से विवाह में आ रही बाधाएं तो दूर होती हैं साथ ही सुयोग्य वर/वधु की प्राप्ति भी सुनिश्चित होती है।
6- अगर आप मन चाहा वर प्राप्त करना चाहते हैं/ चाहती हैं तो मां कात्यायिनी की पूजा करे। कात्यायिनी यंत्र स्थापित करके उसमें लिखे मंत्र को 21 बार रोज पढ़ें तो प्रेम विवाह की संभावना बहुत प्रबल हो जाएगी।
क्यों जरूरी है विवाह
Why Delay in Marriage is a Problem?
सनातन धर्म का एक बहुत महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह संस्कार। यह गृहस्थ जीवन का प्रारंभिक चरण है। वर्तमान में 20 से 25 वर्ष के मध्य विवाह हो जाए तो यह विवाह की सबसे सही स्थिति मानी जाती है। किन्तु आजकल 30 वर्ष के आस-पास तक भी विवाह किया जा रहा है।
ऐसे में विवाह में देरी तब कही जाएगी जब व्यक्ति विवाह की उम्र में हो और वह विवाह करना चाहता हो लेकिन बहुत खोजने के बाद भी उसे अपने लिए सुयोग्य साथी न मिल पा रहा हो।
बार-बार किसी कारण वाद-विवाद अथवा अनचाहे कारणों से विवाह की बात न बन पाए तो यह समझ जाना चाहिए कि यह ग्रहों का चक्कर है।
ऐसी स्थिति में किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लें और कुंडली के अनुसार उपाय करें तो विवाह में आ रही अड़चने दूर होती है।
इतना ही नहीं यदि कुछ सामान्य उपाय करें जिन्हें आपकी सुविधा के लिए हमने यहां दिया हुआ है तो भी विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है।
उपायों को करने के बाद व्यक्ति का विवाह तो होता ही है साथ ही व सुखी दाम्पत्य जीवन का आनंद भी ले पाता है।
Original Gauri Shankar Rudraksha की क्या पहचान है।
सबसे पहली पहचान कि यह रुद्राक्ष दुर्लब है इसलिए सस्ता नहीं होता। इसकी कम से कम कीमत 4 हजार रुपए के आस पास होती है। आकार और रुद्राक्ष के मुख के अनुसार इसकी कीमत कितनी भी ज्यादा हो सकती है।
Delay in Marriage के लिए सबसे आसान उपाय क्या है।
एक गौरी शंकर रुद्राक्ष सोमवार के दिन धारण करना ज्योतिषीय रूप से बहुत प्रभावशाली है। इसे धारण करने के बाद विवाह में आ रही परेशानियां दूर होती हैं और मन मुताबिक जीवनसाथी मिलता है।
Delay in Marriage के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है।
सामान्य रूप से लड़कों में शुक्र ग्रह और लड़कियों में गुरू ग्रह विवाह के कारक ग्रह माने गए हैं। लेकिन इनके अलावा विवाह के भाव की स्थिति वहां विराजित ग्रह आदि के प्रभाव से देखा जाता है कि Delay in Marriage क्यों हो रही है।
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