9 दुर्गा-9 भोग, जिनसे मिलेगा मनवांछित फल

9 दुर्गा-9 भोग, जिनसे मिलेगा मनवांछित फल 

Navdurga II Navratri II 9 Swaroop II 9 Bhog II नवरात्री में मां के 9 स्‍वरूप और उनके भोग

देवी मां के 9 स्‍वरूप हैं और प्रत्‍येक स्‍वरूप अलग-अलग फल देने वाला है। इस प्रकार प्रत्‍येक स्‍वरूप को चढ़ाया जाने वाला भोग भी अलग होता है। आइए यहां हम जानते हैं कि नौ दिनों में मां के चरणों में क्‍या अर्पित करें और उससे आपको क्‍या फल मिलेगा। 

देवी के सभी भक्‍त ये प्रयास करते हैं कि वो मां को अच्‍छा से अच्‍छा भोग दें तो आपकी इसी कोशिश को साकार करने के‍ लिए ये बताएंगे कि मां के अलग-अलग स्‍वरूपों को क्‍या भोग दें जिससे मां प्रसन्‍न हों: 

Navratri प्रथम शैलपुत्री

नवरात्री की शुरूआत घटस्‍थापना से होती है। इसके बाद मां के प्रथम स्‍वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। ‘शैलपुत्री’ मां को हिमालय पर्वत की पुत्री कहा जाता है। यह जीवन की शुरूआत का प्रतीक हैं। 

भोग: मां शैलपुत्री को नवरात्रों के प्रथम दिन देशी घी का भोग देना चाहिए। इससे घर को रोगों से मुक्ति मिलेगी और व्‍यक्ति आरोग्‍य को प्राप्‍त होगा। 

Navratri द्वितीय ब्रह्मचारिणी:

नवरात्रों के दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा होती है। यह तपस्विनी स्‍वरूप है। भगवान शिव को पाने के लिए मां ने इसी स्‍वरूप में तपस्‍या की थी। 

भोग: तपस्‍विनी स्‍वरूप में मां को प्रसन्‍न करने के लिए सफेद रंग के मिष्‍ठान का भोग लगाना चाहिए। इस दिन अगर मां ब्रह्मचारिणी को मिष्‍ठान (सफेद रंग में) का भोग लगाया जाता है तो इससे परिवार में लोगों की आयु में वृद्धि होती है। 

Navratri तृतीय चंद्रघंटा

नवरात्रों के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की है। यह मां के शक्ति स्‍वरूप की झलक है। इनकी उपासना से शक्ति प्राप्‍त होती है और व्‍यक्ति अपनी हर मनोकामना पूरी करने की क्षमता प्राप्‍त करता है। 

भोग: इस दिन भोग के रूप में मां को खीर चढ़ानी चाहिए। इस भोग के फल स्‍वरूप परिवार निरोगी होता है और कोई परेशानी आपके घर में प्रवेश नहीं कर पाती है। 

Navratri चतुर्थ कूष्‍मांडा

नवरात्रों के चौथे दिन मां कूष्‍मांडा की पूजा होती है। ऐसी एक कहानी है जिसमें पृथ्‍वी की उत्‍पत्‍त‍ि मां कूष्‍मांडा के उदर से हुई बताई जाती है। मां के व्रत पूजन से बुद्धि विवेक को बहुत बल मिलता है। 

भोग: इस दिन मां को भोग में मालपुआ देना चाहिए जिससे मां प्रसन्‍न होंगी और बुद्धि, बल और निर्णय लेने की क्षमता में बहुत तेज विकास होगा। 

Navratri पंचम स्‍कंदमाता

नवरात्री को पांचवें दिन माता के पंचम स्‍वरूप स्‍कंदमाता की पूजा की जाती हैं। ये प्रेम और स्‍नेह की प्रतीक हैं और इनकी पूजा करने के समाज में आपकी स्‍वीकृति बढ़ जाती है। 

भोग: स्‍कंदमाता को केले का भोग देना बहुत शुभ फल देने वाला होता है। इन्‍हें केले का भोग देने से जीवन में प्रेम और स्‍नेह तो बढ़ता है साथ ही शरीर से रोगों का नाश भी होता है। 

Navratri षष्‍ठ कात्‍यायनी

नवरात्री के छठें दिन मां कात्‍यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्‍यायनी की विधिवत् पूजा करने से आपको आपकी इच्‍छा अनुसार फल की प्राप्‍त‍ि होती है। विशेष कर यदि आप अपने लिए वर-वधु अपनी इच्‍छा से चाहते हैं तो मां कात्‍यायनी की पूजा बहुत लाभकारी होती है। 

भोग: मां को शहद का भोग देना चाहिए। इससे मां प्रसन्‍न होती हैं और आपको आपके मन के अनुसार फल प्राप्‍त होता है। 

Navratri सप्‍तम कालरात्री

नवरात्री के सातवें दिन मां कालरात्री की पूजा होती है। मां कालरात्री बुराई, अंधकारी और अज्ञानता का प्रतीक हैं और इनकी पूजा से शक्ति की प्राप्‍ति भी होती है। 

भोग: मां को भोग में गुड़ बहुत प्रीय है। गुड़ का भोग देने से आपको मां के आशीर्वाद से कोई बुरी शक्ति स्‍पर्श नहीं कर सकेगी और आप ऐसी शक्तियों से हमेशा सुरक्षित रहेंगे। 

Navratri अष्‍ठम महागौरी

नवरात्री के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। महागौरी पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक हैं। इनकी उपासना से रोग दूर होते हैं और व्‍यक्ति आकर्षक भी होता है। 

भोग: महागौरी को नारियल चढ़ाया जाता है। इस भोग के प्रसन्‍न होकर मां निसंतान दम्‍पति को संतान सुख का आशीर्वाद देती हैं। 

Navratri नवम सिद्धि‍दात्री

नवरात्री के नवें दिन मां सिद्ध‍िदात्री का पूजन किया जाता है। ये नौ दिन की पूरी तपस्‍या का फल देने वाली है और इनकी उपासना से हर प्रकार की सिद्धि प्राप्‍त होती है। 

भोग: मां के इस स्‍वरूप को तिल का भोग लगाना चाहिए। इससे मां के आशीर्वाद से व्‍यक्ति असमय मृत्‍यु के भय से निकल जाता है और लंबी आयु प्राप्‍त करता है। 

यह जानना बहुत आवश्‍यक है कि ये भोग माता को सुबह के पूजन में नहीं देने हैं। इन्‍हें शाम को व्रत खोलने से पहले दें और उसी प्रसाद से अपना व्रत खोले। 

Navratri 2023 कब से है।

वर्ष 2023 में शारदीय नवरात्री 15 अक्‍टूबर से 24 अक्‍टूबर तक है।

9 दिनों में किसकी पूजा होती है।

नवरात्री मां दुर्गा के लिए समर्पित त्‍योहार है। नौ दिन के इस त्‍योहार में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्‍वरूपोंं की पूजा होती है।

नवरात्री 2023 के मुहुर्थ, तिथि और पूजा‍ विधि क्‍या है।

नवरात्री 2023 से जुडी़ सभी जानकारी के लिए आप यहां क्लिक करें। इस ब्‍लॉग में पूरी जानकारी दी गई है।

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