सुखों का ग्रह शुक्र कहीं आपके दुःख का कारण तो नहीं है, इन 8 लक्षणों से करें पहचान और सटीक उपाए

सुखों का ग्रह शुक्र कहीं आपके दुःख का कारण तो नहीं है, इन 8 लक्षणों से करें पहचान और सटीक उपाए

शुक्र शुभ ग्रह है। ये सुंदरता देने वाला और सभी भौतिक सुखों को देने वाला ग्रह है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र अच्छा होता है उसे कभी भी धन दौलत और भोग विलास की कमी नहीं होती। कुंडली में शुक्र के अच्छे होने से विपरीत लिंग के लोगों से बहुत सहायता मिलती है तथा भौतिक सुख की प्राप्ति भी होती है। लेकिन अगर शुक्र अच्छे प्रभाव ना दे रहा हो तो 

  1. आकर्षण की कमी रहती है, आपसे बात करने में आपके साथ चलने फिरने में किसी को कोई रुचि नहीं रहती है। 
  2. शारीरिक सुख में, धन आदि में और वैभव में हमेशा कमी रहती है। 
  3. शुक्र के विपरीत प्रभाव के कारण पैसे की बचत नहीं हो पाती। ऐसे व्यक्ति अगर उपाए नहीं करें तो पूरी मेहनत के बाद भी आपने दम पर थोड़ा सा धन भी नहीं जोड़ पाते। 
  4. शरीर में त्वचा सम्बंधी और गुप्त रोग हो जाते है।
  5. पुरुषों में शुक्र विवाह का कारक ग्रह होता है इसलिए बालक के विवाह में अगर बार बार अड़चन आ रही हो तो शुक्र का उपाए ज़रूर करना चाहिए। 
  6. शुक्र सुंदरता का ग्रह है लेकिन जब किसी की कुंडली में शुक्र अच्छा न हो तो ऐसा व्यक्ति अपनी सुंदरता को लेकर बिलकुल ध्यान नहीं देता। सजना सँवरना इनकी आदत में नही होता है।  
  7. बहुत प्रयासों के बाद भी अगर चमक धमक की दुनिया में नाम नहीं बन पा रहा है तो भी एक बार कुंडली में शुक्र का परीक्षण किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य से ज़रूर करवा लीजिए क्यूँकि ग्लेमर की दुनिया में नाम दिलाने वाला ग्रह शुक्र ही है। 
  8. शुक्र ख़राब फल दे रहा हो तो उसका प्रेम उसकी भावनाएँ सब उसके लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। प्रेम सबंधों में बदनामी होती है और कोई भी रिश्ता बहुत लम्बा नहि चलता है। 

अगर आप ऐसी किसी भी परेशानी से जूझ रहे हैं या आपको लग रहा है की शुक्र ग्रह आपको शुभ फल नहीं दे रहे हैं तो आप निम्न उपाए कर सकते हैं: 

  • शुक्र का रत्न हीरा, अमेरिकन डाइमंड, ओपल आदि में से कोई भी एक रत्न धारण कीजिए। 
  • ख़ुद को सुंदर बना कर रखना अच्छी ख़ुशबू का इस्तेमाल करना भी शुक्र का उपाए है। 
  • ग़लत सम्बन्धों के कारण भी शुक्र के अशुभ फल प्राप्त होते हैं। ऐसे में इन्हें तत्काल छोड़ देना भी शुक्र का उपाए है। 
  • 6 मुखी रुद्राक्ष भी शुक्र के शुभ प्रभावों का स्रोत है इसे धारण करना बहुत अच्छा उपाए माना गया है। 
  • मा लक्ष्मी की पूजा से भी शुक्र के शुभ प्रभाव मिलते हैं। 

शुक्र के लिए वेदिक मंत्र है

ॐ शुं शुक्राय नम:​।।

शुक्र का तांत्रित मंत्र है

ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।

शुक्र का पौराणिक मंत्र

ॐ अन्नात्परिश्रुतो रसं ब्रह्म्न्नाव्य पिबत् – क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापति । ऋतेन सत्यमिन्द्रिय्वीपानं-गुं -शुक्र्मन्धस्य – इन्द्रस्य – इन्द्रियम – इदं पयो – अमृतं मधु ।।

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शुक्र ग्रह का उपरत्‍न अमेरिकन डाइमंड (American Diamond) प्राप्‍त करने के लिए यहां क्लिक करें। 

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