इन लक्षणों से पहचान होती है मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव की। पढें समझें और करें उपाय।

इन लक्षणों से पहचान होती है मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव की। पढें समझें और करें उपाय।

मंगल ग्रह क्रूर ग्रह है। यह तुरंत प्रभाव देने के लिए जाना जाता है। यह ताकत और ऊर्जा का ग्रह है। अगर किसी व्‍यक्ति को मंगल ग्रह के शुभ फल मिलें तो वह अपनी मेहनत के दम पर किसी भी मंजिल तक जा सकता है लेकिन अगर मंगल शुभ फल देने की स्थिति में न हों तो उसे निम्‍न परेशानियां होती है: 

  1. मंगल ग्रह ऊर्जा का ग्रह है तो यदि कुंडली में यह शुभ प्रभाव न दे रहा हो तो ऐसे लोग शारीरिक रुप से कमजोर होते हैं। देखने में भले हट्टे कट्टे हों लेकिन ऊर्जा के मामले में ये सबसे पीछे ही रहते हैं। 
  2. मंगल ग्रह के शुभ फल नहीं मिल रहे हों तो व्‍यक्ति कोर्ट कचहरी के चक्‍कर लगाता रहता है। 
  3. जमीन-जायदाद के मामले में न तो कभी सफलता मिलती है और न ही कभी ये उसे एकट्ठा कर पाते हैं। 
  4. मंगल सही न हो तो व्‍यक्ति के ऊपर कर्ज का बोझ भी बढ़ता है। कर्ज का कारण कहे जाने वाले ग्रहों में मंगल सबसे प्रथम है। 
  5. मंगल के सही प्रभाव न मिल रहे हो तो व्‍यक्ति को जेल जाना पड़ता है या ऐसी परिस्थिति में रहना पड़ता है जो जेलतुल्‍य हो। 
  6. मंगल से पीडि़त व्‍यक्ति बहुत गुस्‍सैल और झगड़ालू हो जाते हैं। ये छोटी छोटी बात पर किसी से भी लड़ जाते हैं। 
  7. कई बार यह भी देखा गया है कि यदि विवाह के भाव से मंगल ग्रह का कोई संबंध है तो विवाह में देरी होना और वैवाहिक संबंधों का सही न चल पाना आदि का कारण भी मंगल ग्रह बनता है। 
  8. सेना, आर्मी और दूसरे सैन्‍य बलों में भर्ती में बिना किसी कारण अटक जाने या भर्ती में व्‍यवधान आने का कारण भी कमजोर मंगल होता है। 
  9. ये लोग अहंकारी होते हैं लेकिन आत्‍मविश्‍वास जरा सा भी नहीं होता। 

मंगल ग्रह के इन लक्षणों को पहचानें और जल्‍द से जल्‍द इसका उपाय कर लें। मंगल ग्रह की शांति के लिए कुछ सामान्‍य उपाय निम्‍न हैं: 

  • सबसे पहला उपाय है लाल मूंगा रत्‍न। यह मंगल का रत्‍न है इसे मंगल ग्रह कि विशेष अवस्‍था में धारण किया जाता है। 
  • मंगल ग्रह के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष भी बहुत अच्‍छे फल देता है। 
  • इसके अलावा हाथ में लाल रंग का धागा बांधना भी मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव देता है। ं
  • अनामिका अंगुली में तांबे का छल्‍ला धारण करने से भी मंगल ग्रह शांत होता है। 
  • प्रात: काल सूर्य को जल देने के बाद वहीं खड़े खड़े हनुमान चालिसा का पाठ करें। इस उपाय से भी मंगल ग्रह शांत होता है। 

मंगल के लिए वेदिक मंत्र है

ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:। 

मंगल का तांत्रित मंत्र है

ॐ अंगाकाराय नम:।

मंगल का पौराणिक मंत्र

धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकांति समप्रभम्समप्रभम्। कुमारं शक्तिहस्‍तं च भौममाववावाह्यम्।।

अनुभवी ज्‍योतिषाचार्य से अपनी कुंडली का विश्‍लेषण करवाने के लिए यहां क्लिक करें। 

मंगल ग्रह का रत्‍न लाल मूंगा (Red Coral) प्राप्‍त करने के लिए यहां क्लिक करें। 

मंगल ग्रह का उपरत्‍न लाल गारनेट(Red Garnet) प्राप्‍त करने के लिए यहां क्लिक करें। 

मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष प्राप्‍त करने के लिए यहां क्लिक करें।