आपको होने वाली परेशनी केतु ग्रह के कारण तो नहीं है, जानिए लक्षण और उपाए
राहु की तरह केतु भी छाया ग्रह है। इसका प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है लेकिन इसका पता व्यक्ति को जब तक चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की आप इन प्रभावों आप समय रहते देख समझ लें और प्रभावशाली उपाए करें:
- केतु अगर शुभ प्रभाव नहीं दे रहा हो तो व्यक्ति शारीरिक रूप से दुर्बल होने लगता है। लेकिन उसकी बीमारी आसानी से पकड़ी नहीं जा पाती है।
- अगर आपके व्यवहार में अचानक ही अनैतिक गतिविधियाँ शामिल हो जाएँ और आपका व्यवहार दूसरों के प्रति कठोर होने लगे तो ज़रूर किसी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लें।
- कोर्ट केस, जेल आदि की सम्भावना दिखाई दे रही हो तो भी केतु का परीक्षण करवाना और समय रहते उपाए करना बहुत ज़रूरी है।
- बार बार गर्भपात हो रहा हो तो भी सम्भव है कि केतु शुभ फल नहीं दे रहा हो। तो ऐसी परिस्थिति में भी परामर्श बहुत आवश्यक है।
- केतु वाणी को ख़राब कर देता है। जिस कारण से सभी रिश्तों में खटास आने लगती है। ख़ास कर जीवन साथी से और पिता से सम्बंध बहुत कटु हो जाते हैं।
केतु शांति के कुछ सरल उपाए:
- केतु के शुभ प्रभावों के लिए 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना बहुत लाभकारी होता है।
- रुद्राक्ष के अलावा लहसुनियाँ रत्न, चंदन की माला या असगंध की जड़ में से किसी एक चीज़ को भली प्रकार से अभिमंत्रित करके विधिवत धारण किया जाए तो भी केतु के अशुभ फल दूर होते हैं।
- तिल, काला कपड़ा, कम्बल, छतरी आदि दान करने से भी केतु के बुरे फलों से राहत मिलती है।
- जानवरों की सेवा करने से विशेषकर कुत्तों की सेवा से भी केतु महाराज कभी रूष्ट नहीं होते।
- तंत्रिक ज्ञान के प्रति आस्था से भी केतु के शुभ फल प्राप्त होते हैं।
केतु के लिए वेदिक मंत्र है
ॐ केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे। सुमुषद्भिरजायथाः॥
केतु का तांत्रित मंत्र है
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।’
केतु का मंत्र
धूम्राद्विबाहवः सर्वेगदिनो विकृतानना। गृध्रागसनगतानित्यं केतवः स्यूर्ववरप्रदाः।।
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