जीवन की ये 8 परेशानियां होती हैं खराब बृहस्पति के प्रभाव से, पढिए जानिए और कीजिए प्रभावशाली उपाय
बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरू कहा गया है। यह शुभ ग्रह ज्ञान और सम्मान का ग्रह है। इसका शुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति धार्मिक होता है, स्वाभाव से मृदुल और दानी होता है। समाज सेवा में रुचि, पूजा पाठ आध्यात्म में रुचि रखने वाला होता है। लेकिन अगर बृहस्पति आपको शुभ फल नहीं दे रहे हो तो ऐसे प्रभाव मिलते हैं:
- व्यक्ति का मन पूजा पाठ में नहीं लगता। नास्तिक होता है और किसी पर जल्दी भरोसा नहीं कर पाता।
- ऐसे व्यक्तियों को ज्ञान की बातें, धार्मिक बातें अच्छी नहीं लगती।
- समाज में इनको कभी सम्मान नहीं मिलता। ये कितना भी अच्छा काम करें कभी उसके लिए इनकी तारीफ नहीं होती।
- अपना व्यापार हो तो लोग आपकी दुकान में आना पसंद नहीं करते। जिससे व्यापार में मंदी आती है। आपकी डील फाइनल नहीं होती हैं।
- अगर नौकरी में हैं तो बॉस आपकी ओर ध्यान नहीं देते। प्रमोशन आदि में आपको बहुत बाद में कंसीडर किया जाता है।
- घर में भी कलेश रहता है। कभी भी कोई शुभ कार्य में भागीदारी हो तो या तो काम टल जाएगा या आप भागीदारी नहीं कर पाएंगे।
- शादी में अडचन आ रही है और बिना कारण ही शादी में देरी हो रही है तो भी निश्चित है कि आपका बृहस्पति कमजोर है।
- बृहस्पतिवार के दिन शुरू किए प्रत्येक कार्य में असफलता ही मिलती है तो भी यह स्पष्ट संकेत है कि आपका बृहस्पति कमजोर है।
यदि इनमें से कुछ बातें आपके जीवन पर भी लागू हो रही हैं तो आपको निम्न उपाय अवश्य करना चाहिए:
- गुरुवार के दिन आप गाय को पीली रोटी खिलाएँ।
- बृहस्पति ग्रह के शुभ फल के लिए पुखराज रत्न धारण करना बहुत लाभकारी होता है।
- सरसों का तेल का प्रयोग करें और गुरुवार के दिन सरसों का तेल दान करें।
- भगवान विष्णु की पूजा से भी बृहस्पति देव प्रसन्न होते है।
- पढ़ें लिखें, आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ें और माता पिता गुरु का सम्मान करें तो भी गुरु बृहस्पति अच्छे फल देते हैं।
बृहस्पति के लिए वेदिक मंत्र है
ऊं बृं बृहस्पतये नम:।
बृहस्पति का तांत्रित मंत्र है
ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
बृहस्पति का पौराणिक मंत्र
ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात् ।।
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