शापित सूर्य के 9 लक्षण जो आपको कभी आगे नहीं बढ़ने देते।
वेदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों में सूर्य का स्थान प्रमुख है। वह सौर परिवार का मुखिया है और अपने तेज के लिए जाना जाता है। सूर्य से किसी व्यक्ति की कुंडली में पिता को देखा जाता है। सरकारी नौकरी, नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक जीवन, वर्चस्व और तेज के लिए भी सूर्य को ही देखा जाता है।
कुंडली में सूर्य अगर शुभ फल नहीं दे रहा होता है तो ऐसे व्यक्ति में कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं। यदि आपमें भी इनमें से कुछ लक्षण है तो निश्चित ही आपकी कुंडली में सूर्य का शुभ फल आपको नहीं मिल रहा है। आइए देंखें ये लक्षण:
- सूर्य आत्मविश्वास का ग्रह है तो यदि सूर्य कमजोर हो तो आपमें आत्मविश्वास की बहुत कमी रहती है। किसी भी जिम्मेदारी को उठाने से आप कतराते हैं और हमेशा दूसरों के पीछे रहकर ही कार्य करते हैं।
- सूर्य अगर कमजोर हो तो आपको बदनामी का सामना करना पड़ता है चाहे आप कितना भी प्रयास करें अच्छे काम करें लेकिन अंतत: आपको बदनामी ही मिलती है।
- सूर्य अगर कुंडली में सही और शुभ फल देने की स्थिति में न हो तो सरकारी नौकरी में मिलने में बहुत परेशानी होती है। ऐसे लोग अक्सर इंटरव्यू में निकाल जाते हैं या एक दो नम्बर से मेरिट में रह जाते हैं।
- पिता और गुरू के साथ इनके संबंध अच्छे नहीं रहते हैं।
- उच्च पदासीन लोगों के साथ इनकी कभी नहीं बनती है और वह अपनी पावर का इस्तेमाल कर अक्सर इन्हें परेशान कर देते हैं।
- इन्हें कार्यक्षेत्र से अपमानित होकर निकलना पड़ता है। बहुत दिनों तक एक जगह रहें तो किसी न किसी से वहां इनकी बदनामी हो जाती है। इस कारण से स्थाई नौकरी भी नहीं कर पाते।
- सोना ऐसे लोगों को सूट नहीं करता। इनके पास से स्वर्ण का खो जाना बहुत सामान्य सी बात है।
- आंखों से संबंधित परेशानी हमेशा बनी रहती है। ऐसे लोगों को चश्मा भी लगता है।
- नेतृत्व क्षमता बिल्कुल नहीं होती है ये किसी से काम नहीं करवा सकते। ये स्वाभाविक तौर पर उनसे लड़ बैठेंगे या उन पर इस कदर अपना हक जामएंगे कि सामने वाला खुद छोड कर भाग जाएगा।
सूर्य के दुष्प्रभावों को कम करने के कुछ आसान उपाय:
- गायत्री मंत्र, आदिहृदय स्रोत और गायत्री मंत्र इनमें से किसी भी एक मंत्र का ठीक प्रकार से जप सूर्य के दुष्प्रभाव को कम करता है।
- सूर्य को जल देना भी एक बहुत कारगर उपाय है। यह सूर्य के शुभ प्रभाव आप तक पहुंचाता है।
- किसी भी शुभ काम के लिए निकलें तो मीठा खाकर निकलें।
- पिता हैं तो उनसे किसी भी प्रकार का धमंड या बैर न करें। उनका सम्मान करें और चरण स्पर्श प्रतिदिन करें।
सूर्य का वेदिक मंत्र:
ऊं आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन।।
सूर्य का बीज मंत्र
ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।
सूर्य का तांत्रिक मंत्र
ऊं घृणि सूर्याय नम:।।
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