पैसा, नाम और शोहरत देने वाला ग्रह है बुध, जानिए शुभ अशुभ फल

पैसा, नाम और शोहरत देने वाला ग्रह है बुध, जानिए शुभ अशुभ फल

बुध ग्रह बुद्धी का कारक है। आप पढ़ाई में कैसे होंगे, कैसा बोलेंगे, आपकी तार्किक क्षमता कितनी अच्छी होगी ये सभी बातें इस पर निर्भर करती हैं की आपकी कुंडली में बुध ग्रह की क्या स्थिति है। इसलिए ये शुभ ग्रह बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसके शुभ फल मिलें तो व्यक्ति जीवन में किसी भी काम को सफलता से करने का दम रखता है। 

लेकिन क्या होता है अगर बुध शुभ फल ना दे तो ?

बुद्धी की कमी रहती है, आप अपने मन की बात किसी को नही कह पाते, चीज़ें याद नही रहती हैं। आपकी तार्किक शक्ति बहुत की कमज़ोर होती है आप आम दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली कैल्क्युलेशन भी नही कर पाते। ये मंद बुद्धी होते है और अपनी कल्पनाओं के आनंद में ही उड़ान भरते रहते हैं। 

कमज़ोर दिल, अलर्जी, अत्यधिक चिंता, नींद का ना आना और त्वचा से समबंधित विकार भी बुध की देन है। 

सावधानियाँ: 

  • बुध कमज़ोर है तो अपनी वाणी का विशेष ध्यान रखें। 
  • अपनी मर्ज़ी से किसी भी क्षेत्र में पैसा ना लगाएँ, अपनी सभी योजनाओं में किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह अवश्य लें। 
  • कार्य के लिए ऐसा क्षेत्र चुने जिसमें लोगों से मिलना जुलना कम से कम हो। 
  • बुध ग्रह का उपाय करें और प्राणायाम, योग आदि करें जिससे आप अपनी मेधा का विकास कर सके। 

कब होता है बुध ग्रह कमज़ोर: 

  • बुध मीन राशि में नीच का होता है। इसके अलावा त्रिक भाव में भी ये कमज़ोर माना जाता है।  
  • जब बुध की युति अशुभ ग्रहों के साथ हो या ऐसे ग्रहों की दृष्टि पड़े तब भी बुध प्रभावहीन हो जाता है।  
  • जब बुध अस्त हो, वक्री हो तो भी ये अपना शुभफल नही दे पाते हैं। 
  • बुध जब केंद्र में हों लेकिन अपनी राशि में ना होकर किसी दूसरे ग्रह की राशि में हो तो भी में प्रभावहीन हो जाते हैं। 

बुध ग्रह से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

  • शुक्र और शनि लग्न की कुंडली के लिए बुध बहुत अच्छे फल देता है। 
  • बुध के अच्छे और शुभ फलों में बुद्धि का विकास, दूर-दृष्टि, विवेकशीलता, कार्यकुशलता, व्यापारिक गुण और तार्किक शक्ति का विकास होता है। 
  • अगर बुध अपने नक्षत्र में है तो मानसिक शक्ति बढ़ाता है, आप अच्छे फ़ैसले लेते हैं और आपके आत्म विश्वास की क़ायल पूरी दुनिया होती है। 
  • सूर्य के नक्षत्र में बुध हो तो स्वाँस से समबंधित परेशानी होती है। चंद्रमा के नक्षत्र में ये अति कल्पनाशील बनता है। आप मूडी होते हैं। 
  • मंगल के नक्षत्र में आपको मानसिक बल देता है लेकिन आप समय समय पर सर दर्द की शिकायत करते हैं। आप नकारात्मक विचारों से घिरे रह सकते हैं। 
  • गुरु के नक्षत्र में ये  बहुत की शुभ फल देते हैं। ये मानसिक ताक़त देते हैं और शारीरिक ताक़त भी देता है। 
  • शुक्र के नक्षत्र में आपको त्वचा से समबंधित परेशानी तो हो सकती है लेकिन ये धन के मार्ग बनता है और आप धन के साथ वैभव भी प्राप्त करते हैं। 
  • शनि के नक्षत्र में बुध मानसिक रूप से असहज बनता है। आपक अत्यधिक सोचते हैं और उसके अनुरूप काम ना कर पाने पर आप व्याकुल हो जाते हैं।
  • राहु के नक्षत्र में बुध हो तो आप संकोची होते हैं और किसी से कुछ कहने से पहले बहुत विचार करते हैं। 
  • केतु के नक्षत्र में आप बहुत ही संवेदनशील और अप्रत्याशित हो जाते हैं। जिसका अच्छा और बुरा दोनो प्रभाव आपको मिलता है। 

ऐसा कहा जाता है कि बुध ग्रह के देवता भगवान गणेश हैं और भगवान गणेश की पूजा करने से आपको इस ग्रह के सभी शुभफल मिलते हैं।