मान सम्मान, व्यापार और शुभ कार्यों का रत्न है पुखराज 

मान सम्मान, व्यापार और शुभ कार्यों का रत्न है पुखराज 

शुभ रत्नों में पुखराज का भी मुख्य स्थान है, महिलाओं में पुखराज सबसे ज़्यादा धारण किया जाने वाला रत्न है। ये शुभता को बढ़ता है। धारण करने वाले को सम्मान का पात्र बनता है और व्यापारिक लाभ के लिए भी बहुत प्रभावशाली माना जाता है। वेदिक ज्योतिष के अनुसार इसे गुरु बृहस्पति का रत्न कहा गया है जो शुभ कार्यों के कारक हैं. 

कौन धारण करे  पुखराज: 

वैसे तो ये रत्न बहुत ही शुभकारी है और इसे किसी भी राशि का जातक धारण कर सकता है. लेकिन फिर भी ये विशेषफल दायी होता है ऐसे जातकों के लिए जिनकी कुंडली में गुरु उच्च का हो, हंस महापुरुष योग बना रहा हो. 

गुरु बृहस्पति त्रिक भाव के साथ साथ एक त्रिकोण भाव का भी स्वामी हो तो उसे पुखराज धारण करना चाहिए। इससे त्रिक भाव का अशुभ फल दूर हो जाते हैं. 

ऐसे जातक पूजा-पाठ, इससे सम्बंधित सामग्री, पढाई, रिश्ते, सलाह देने, ब्याज पर पैसा, लेखन, प्रकाशन, सामाजिक सेवा आदि से सम्बंधित काम करते हैं तो इनको भी काम में सफलता के लिए पुखराज धारण करना चाहिए. 

अगर आप कैंसर, डायबटीज, गुर्दे और पित्त से जुड़े रोग, बबासीर आदि रोग खा रहे हैं या इसकी शिकायत है तो सामान्य दवाई केसाथ आप पुखराज रत्न को धारण करें तो आपको दवाओं से लाभ काफी जल्दी होगा।

गुरु और चन्द्रमा की युति हो या केंद्र में ये एक दूसरे से कोई सम्बन्ध बना रहे हों तो गजकेसरी योग बनता है. ऐसे में भी पुखराज धारण करना बहुत लाभकारी होता है. 

अगर किसी बालिका के विवाह में परेशानी आ रही हो तो भी गुरु का ये रत्न धारण करना बहुत लाभकारी होता है.

कैसे करे धारण: 

कम से कम 4 रत्ती का पुखराज धारण करना लाभदायक होता है. इसे सोने में या किसी भी पीली धातु में मढ़वाकर धारण किया जाता है. पुखराज को धारण करने का सबसे शुभ दिन गुरूवार का होता है और इसे सुबह के समय धारण किया जाये तो शुभ फल देता हैं. बृहस्पति ग्रह के नक्षत्र में धारण किया जाए तो फल कई गुना बढ़कर मिलते हैं. इसे सोमवार के दिन भी धारण किया जा सकता है. 

अगर आप पुखराज के उप-रत्न की बात करें तो पीला टोपाज और सुनहला इसके प्रभावशाली उपरत्न माने जाते हैं. 

सावधानियां:

पुखराज धारण किया हुआ है तो इसके साथ कभी भी नीलम, हीरा, गोमेद या लहसुनिया के साथ नहीं धारण करना चाहिए। 

वृष, तुला, मकर और कुम्भ लग्न के जातकों को ये रत्न तब ही धारण करना चाहिए जब उनकी कुंडली में गुरु बहुत ही शुभ स्थिति में हों अन्यथा इसे नहीं धारण करना चाहिए. 

लाभ: 

पुखराज धारण करने से बृहस्तपति ग्रह के शुभफल मिलते हैं और शादी विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. इतना ही नहीं ये महिलाओं के लिए सम्मान दिलाने वाला रत्न भी होता है. 

पुरुषों के लिए ये सामाजिक सम्मान बढ़ने वाला रत्न होता है, कपडे या पुस्तकों का व्यापार है तो भी इसे ज़रूर धारण करना चाहिए. 

बाजार में पुखराज: 

पुखराज 1000 रु प्रति रत्ती से शुरू होता है और 70 से 80 हजार रूपए प्रति रत्ती तक आता है. ये बैंकाक या श्रीलंका का पुखराज होता है. ज़्यादा कीमत वाले पुखराज वास्तव में श्रीलंका के होते हैं. 

बाजार में इनके उपरत्न भी आते हैं जैसे पीला टोपाज ये सुन्दर और प्रभावशाली उपरत्न हैं ये उच्च गुणवत्ता का 1200 रु प्रति रत्ती मिल जाता है. 

सुनहला भी पुखराज का ही उपरत्न है. ये टोपाज से सस्ता होता हैं लेकिन फिर भी 300 रु प्रति रत्ती है. 

ऊर्जित, धारण करने योग्य पुखराज प्राप्त करने के लिए इसे आप 9118877495 पर सम्पर्क करके प्राप्त कर सकते हैं।