Ek Mukhi Rudraksha: भगवान शिव का स्‍वरूप

Ek Mukhi Rudraksha: भगवान शिव का स्‍वरूप

Ek Mukhi Rudraksha II 1 Mukhi Rudraksha II One Face Rudraksha II Ek Mukhi Rudraksha Laabh II एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ।।

सभी रुद्राक्षों में सबसे श्रेष्ठ Ek Mukhi Rudraksha बहुत दुर्लभ है. इस रुद्राक्ष में भगवान शिव का वास होता है. ग्रहों में इसे सूर्य का स्वरुप समझा जाता है. इस रुद्राक्ष को गले या बाजू में काले अथवा लाल धागे में डालकर धारण करने से शक्ति, अभिकार, धन-धान्य और जीवन के सही सुख और आराम मिलते हैं. 

देवताओं में भगवान शिव और ग्रहों में सूर्य के स्वरुप की तरह एक मुखी रुद्राक्ष को पूजा और गले में धारण किया जाता है. ऐसी मान्यता है की इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले को कभी कोई परेशानी नहीं होती और ये जहाँ रहते हैं सम्मान और विजय इनके कदम चूमती है. 

अनादि काल से लोग इस रुद्राक्ष को सर्वसिद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए धारण करते आ रहे हैं. एक मुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से आप प्रभावशाली बनते हैं, आपको सम्मान और शौर्य मिलता है. आपकी जय-जयकार होती है. अगर राजनीती में सक्रीय हैं और उच्च पदों तक पहुंचना चाहते हैं तो Ek Mukhi Rudraksha आपके लिए सबसे ज्यादा प्रभावशाली साबित होगा। 

Ek Mukhi Rudraksha की पहचान: 

ek mukhi rudraksha

नेपाली Ek Mukhi Rudraksha गोल या थोड़ा चपटा होता है. इसमें ऊपर से नीचे तक एक ही धारी गई होती है जिसे मुख कहा जाता है. इसी कारण से इसे एक मुखी रुद्राक्ष कहा गया है. 

वर्तमान समय में Ek Mukhi Rudraksha की पहचान करना बहुत कठिन है इसलिए इसे कुछ बातों का ध्यान रखें

  1. ओरिजिनल एक मुखी नेपाली रुद्राक्ष सस्ता नहीं होता इसकी कम से कम कीमत 80000 से सवा लाख के बीच होती है. 
  2. सस्ते रुद्राक्ष या तो इंडोनेशिया के होते हैं या फिर हाईब्रीड होते हैं. जो उतने प्रभावशाली नहीं होते हैं जितना एक मुखी होता है. 
  3. रुद्राक्ष प्रमाणित होना चाहिए और उसके प्रमाण पत्र में प्रमाणीकरण संस्था का पूरा पता और संपर्क नंबर होना चाहिए। 

गोल एक मुखी कीमत में बहुत ज़्यादा होता है इसलिए इसके स्थान पर भारतीय (रामेश्वरम) एक मुखी रुद्राक्ष बहुत प्रचलित है. ये आकर में अर्धचन्द्राकार होते हैं और इनमे छेद (प्राकृतिक) नहीं होता है. वर्तमान ये रामेश्वरम के रुद्राक्ष ही एक मुखी कहलाते हैं और धारण किये जाते हैं. एक से 14 मुखी तक की शक्ति मालाएं भी इसी एक मुखी रुद्राक्ष को समाहित करके बनाई जाती है. 

ये लोगों से मिला अनुभव ही है कि आज हम ये कह सकते हैं कि ये रामेश्वरम का एक मुखी भी बहुत प्रभावशाली होता है. लेकिन आपको जान कर हैरानी होगी कि काजू आकर के इन रुद्राक्षों की भी नकली प्रति बाजार में बहुत मात्रा में है. जिस कारण से आपको हमेशा सर्टिफाइड एक मुखी रुद्राक्ष ही लेना चाहिए. 

Ek Mukhi Rudraksha धारण विधि: 

Ek Mukhi Rudraksha प्राप्त करने के बाद इसे पूरी क्षृद्धा से ग्रहण करें। इसे मंदिर में रख दें और सोमवार के दिन सुबह सुबह उठकर स्नान आदि करके महादेव शिव के बीज मन्त्रों का जप करें और इसके बाद भगवान् शिव की प्रतिमा या शिव लिंग पर इसे स्पर्श करके अपने गले में लाल धागे में धारण करें। इससे आपको रुद्राक्ष के शुभ फल जल्द ही मिलने लगते हैं. 

बाजार और एक मुखी रुद्राक्ष 

सबसे पहले नेपाली एक मुखी रुद्राक्ष के विषय में  बात करते हैं. ये रुद्राक्ष विलुप्त होने की कगार में हैं. ये बहुत की मुश्किल से मिलते हैं और इसी कारण से इनकी कीमत बहुत ज़्यादा हो जाती हैं. सामान्य बाजार में इसकी कीमत 3 लाख से शुरू होती है. 

इंडोनेशिया का एक मुखी रुद्राक्ष भी कीमती होता है ये गोल नहीं थोड़ा लम्बा सा होता है. कुछ जगह इसे जावा का एक मुखी रुद्राक्ष भी लिखा गया है. इसकी उपलब्धता बाजार में ठीक है लेकिन इसकी कीमत 45000 से शुरू होती है. 

इसके बाद तीसरा प्रकार है काजू आकर का एक मुखी रुद्राक्ष जो बाजार में प्रचुर मात्रा में है. ये दक्षिण भारत और श्री लंका में पाया जाता है. वर्तमान में अपने कम दाम के कारण इस एक मुखी रुद्राक्ष की मांग सबसे ज़्यादा है. ये प्राकृतिक होते हैं लेकिन बाजार में इनकी नकली फाइबर की कॉपी भी बहुत हैं इसलिए अगर ये बहुत सस्ता मिल जाए तो आपको सावधान होना चाहिए। इसकी कीमत 1800 रूपए से शुरू होती है. इस रुद्राक्ष को ही 1 से 14 मुखी रुद्राक्ष की माला में इस्तेमाल किया जाता है. 

एक मुखी रुद्राक्ष के ये प्रकार हैं. ऑनलाइन कई जगह पर कम और ज़्यादा कीमत में ये उपलब्ध हैं लेकिन अगर आप शुद्ध और सर्टिफाइड रुद्राक्ष प्राप्त करना चाहते हैं तो 9118877495 पर संपर्क कीजिये.