Chilkoor Balaji Temple: जहां जाकर पूरा होता है विदेश जाने का सपना।

Chilkoor Balaji Temple: जहां जाकर पूरा होता है विदेश जाने का सपना।

बार-बार वीजा के रिजेक्‍शन से परेशान हैं तो आपने Chilkoor Balaji का नाम शायद नहीं सुना है। ऐसी मान्‍यता है कि जो भी यहां आकर 11 परिक्रमा कर अपना पासपोर्ट बालाजी भगवान के पास रखकर वीजा की मंनत मांगता है उसकी मंनत पूरी जरूर होती है। मान्‍यता तो एक तरफ यहां जाने पर आपको कई प्रत्‍यक्ष लोग भी मिल जाते हैं जो मनोकामना पूरी होने के बाद मंदिर की 108 बार परिक्रमा के लिए आते हैं।

कैसे मांगी जाती है Chilkoor Balaji में विदेश जाने की मंनत:

आपको इस मंदिर में अपना पासपोर्ट साथ ले जाना होता है। इस पासपोर्ट को भगवान बालाजी के सामने रखकर आपको बस अपने मन की बात बालाजी से कह देनी है। इसके बाद परिक्रमा स्‍थल की 11 बार परिक्रमा कर यह संकल्‍प लेना होता है कि मनोकामना पूरी हो जाने के बाद यहां आकर 108 परिक्रमा और करूंगा।

बस इतना सा काम आपके विदेश जाने के बड़े सपने को साकार कर देता है जिसके कई उदाहरण यहां दिखाई देते हैं। बस आपकी आस्‍था मजबूत होनी चाहिए।

Chilkoor Balaji में परिक्रमा का महत्‍व:

Chilkoor Balaji जिन्‍हें ‘वीजा बालाजी’ या ‘वीजा वाले भगवान’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां अधिकतर लोग वीजा में आ रही समस्‍या के समाधान के लिए आते हैं। इस मंदिर में परिक्रमा का विशेष महत्‍व है और आपकी मंनत मांगने के लिए भी परिक्रमा करनी होती है और मंनत पूरी होने के बाद भी परिक्रमा करनी होती है।

परिक्रमा का आध्‍यात्‍मिक अर्थ होता है। 11 परिक्रमा का अर्थ होता है 1 शरीर और 1 आत्‍मा जो कि अपने आप में संपूर्ण है जिसे हम परमात्‍मा को समर्पित करते हैं और इसके बदले में हम उनसे एक मनंत मांगते हैं। यहां आपके और परमात्‍मा के बीच कोई और दूसरी चीज होती ही नही है। ये भक्ति और आस्‍था का चरम है।

फिर जब मंनत पूरी होती है तो 108 परिक्रमा लगाई जाती है। इसमें 1 का अर्थ है आपकी पवित्र आत्‍मा जो कि वास्‍तव में आप ही हैं। 0 का अर्थ होता है क्रिएशन आध्‍यात्‍म में इसे जगत करते हैं जहां हमेशा कुछ न कुछ नया क्रिएट होता ही रहता है। 8 का अर्थ होता है जीवात्‍मा का शून्‍य से मिलन अर्थात मानव जीवन जिसमें निरंतर कुछ नया प्राप्‍त करने की इच्‍छा रहती है। इस प्रकार आपकी मंनत पूरी होती है।

कैसे पहुंचे Chilkoor Balaji मंदिर: यहां पहुचने के लिए ट्रेन, बस या हवाई जहाज किसी से भी हैदराबाद पहुंच सकते हैं। इसके बाद जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि चिलकूर वाले बालाजी मंदिर रंगारेड्डी जिले में ओसमान सागर के किनारे पर है चिलकूर नामक जगह पर है। मेहेंदीपटनम से करीब 33 किलोमीटर है।

इस मंदिर में भक्‍तों का तांता लगा रहता है। मंदिर की वेडसाइठ डाटा के हिसाब से करीब एक लाख भक्‍त यहां हर सप्‍ताह आते हैं। शुक्रवार और शनिवार के दिन यहां कुछ ज्‍यादा ही भीड़ होती है।