एक ऐसा रत्न जो अगर लाभ दे तो व्यक्ति पलक झपकते ही बन जाता है करोड़पति
वैदिक ज्योतिष में सबसे तेज़ प्रभाव के लिए जो रत्न प्रसिद्ध है वो नीलम है. शनि के शुभफल के लिए धारण किया जाने वाला रत्न नीलम अपना प्रभाव तुरंत दिखाता है और इसके बारे में कहा जाता है कि ये रत्न पलक झपकते ही राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है. इसका प्रभाव इतना तीव्र है कि सामान्यतः लोग इसे धारण करने से डरते हैं.
कौन धारण करे नीलम:
नीलम नीले रंग का बहुत सुन्दर रत्न है और इसे धारण करने से इसका प्रभाव बहुत ही जल्दी मिलने लगता है. नीलम उन जातकों के लिए बहुत लाभकारी होता है जिनकी कुंडली में शनि शुभ भावों में हों, शुभ कारक हों और योग कारक हों. ये वृष, तुला, मकर या कुम्भ लग्न में बहुत ही लाभकारी होता है. इसके अतिरिक्त मेष, मिथुन, कन्या और वृश्चिक राशि में इसका प्रभाव बहुत सीमित रहता है.
वैसे सलाह ये दी जाती है कि नीलम को हमेशा कुंडली दिखवा कर या हाथ की रेखाएं दिखवा कर सलाह लेकर ही धारण करना चाहिए.
शनि अगर उच्च का है, शष योग बना रहा है, लाभ की स्थिति में है, तो नीलम धारण करना विशेष लाभकारी होता है.
इसके अलावा जो जातक पत्थर, मिटटी, लोहे से सम्बंधित, खनिज से सम्बंधित, कारखाने की मशीनरी से सम्बंधित, मजदूरों के नेता है और उनके हक़ से सम्बंधित काम करते हैं तो आपको नीलम ज़रूर लाभ देगा।
किसी ऐसे उच्च पद में हैं जहाँ आपको निर्णय लेना हो या ऐसे फैसले लेने हों जिससे दूसरे प्रभावित होते हों तो आपको शनि का रत्न ज़रूर धारण करना चाहिए ये आपके काम के लिए बहुत लाभकारी होगा।
अगर किसी एनजीओ या किसी दूसरी समाज सेवी संस्था से जुड़े हैं या ऐसा काम करना चाहते हैं तो आपको नीलम धारण करना चाहिए ये आपके लिए लाभकारी हो सकता है.
इसके अलावा अगर आप हड्डियों से जुडी बिमारियों से या कैंसर जैसे रोगों से जूझ रहे हैं तो एक बार कुंडली दिखा कर संभव हो तो नीलम धारण करें। ये आपके लिए बेहतर नतीजे दे सकता है.
ऐसा माना जाता है की नीलम से प्रकाश के परावर्तन के पश्चात् निकलने वाली बैंगनी किरणे मानसिक रोग के उपचार को और प्रभावी करती है जिससे इसमें बहुत लाभ मिलता है.
कैसे धारण करें:
नीलम कम से कम 3 कैरेट का होना चाहिए। इसे चांदी की अंगूठी में या सफ़ेद सोने में या अष्टधातु में जड़वाकर मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। इसे शनिवार के दिन सूर्य निकलने से पहले या सूर्यास्त होने के बाद धारण करना चाहिए. शनि के नक्षत्र में इसे धारण करना बहुत लाभकारी होता है.
उच्च गुणवत्ता वाला नीलम बहुत महंगा हो सकता है इसलिए इसके उपरत्न भी धारण किये जा सकते हैं. इसमें लाजवर्त और अमेथिस्ट प्रमुख हैं. काका नीली भी शनिदेव का बहुत प्रचलित उपरत्न है. इसे भी धारण किया जाता है.
सावधानियां:
नीलम के प्रभाव को लेकर बहुत भ्रान्ति है लेकिन इसका प्रभाव इतना तीव्र है कि इसे धारण करने से पहले सलाह ज़रूर ले लें. लेकिन जब आप एक बार विश्वास कर के धारण कर लें तो फिर शनि देव को आराध्य मान कर उनके चरणों में ही समर्पित हो जाएँ। दीन हीन और ज़रूरतमंद लोगों की सेवा करें और मन में रत्न को लेकर कोई भ्रम न रखें रत्न आपको अच्छा प्रभाव देगा.
इस रत्न को माणिक, मूंगा के साथ नहीं धारण करना चाहिए. इसे अँधेरे में या मन में किसी बैर या क्रोध रखकर नहीं धारण करना चाहिए.
बाजार और नीलम:
बाजार में नीलम 600 रूपए प्रति कैरेट से लाखो रूपए प्रति कैरट आता है. इसकी सुंदरता पारदर्शिता और उपलब्धता के आधार पर इसका मूल्य तय होता है.
इसके उपरत्न 400 रूपए रत्ती में अच्छी गुणवत्ता के साथ प्राप्त हो जाते हैं.
अगर आप नीलम प्राप्त करना चाहते हैं तो 9118877495 पर संपर्क कीजिये।