इन बातों का ध्यान देंगे तो कभी नही परेशान करेंगे शनिदेव
कर्म, न्याय और वैराग्य का कारक शनि हमेशा अशुभ फल देता है ऐसा कहना ग़लत है। ये आपके कर्मों का फल देता है और न्याय करने में कोई दया नही दिखाता है।
ख़ुश होकर धन, वैभव और सफलता दें या क्रुध होकर आपको दाने दाने का मोहताज बना दे, शनिदेव जो भी देते हैं छप्पर फाड़ के देते हैं। वेदिक ज्योतिष में ये माना जाता है कि पलक झपकते किसी तो फ़र्श से अर्श पर या अर्श से फ़र्श पर लाने में सक्षम ग्रह केवल और केवल शनिदेव ही हैं। शनि अगर शुभफल दें और आप पर विशेष कृपा हो तो आपको ऐसी ऐसी जगहों से लाभ मिलेगा कि आपको ख़ुद भी यक़ीन नही होगा लेकिन अगर व्यवस्था इसके उलट बनी तो आपके सारे काम आपकी पूरी मेहनत के बाद भी ख़राब हो जाते हैं।
क्या होगा अगर शनि कमज़ोर हैं तो:
अगर आपकी कुंडली में शनि देव शुभ स्थिति में नही है तो आपको एकांकीपन महसूस होता हैं। मन अशांत रहता है। आप बेवजह चिंता करते हैं और अपने आस पास के वातावरण को व्यवस्थित कर लेते हैं।
शनि कमज़ोर हो तो आपकी हड्डियों में दर्द रहता है। आलस ज़्यादा आता है और आप मतवपूर्ण कार्यों को भी बाद के लिए टाल देते हैं।
शनि कमज़ोर हो तो जातक आलसी, थका हुआ, कामचोर, अस्थिर और कमज़ोर सहन-शक्ति वाला होता है। ये निराश रहते हैं, किसी से प्रेम से बात नही करते हैं और अपने काम समय से पूरे नही करते।
ऐसे लोग जिन्हें अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी से भी कोई मतलब नही होता उनका शनि ख़राब फल दे रहा होता है। बात बात में झगड़े होना भी ख़राब शनि के लक्षण हैं।
ऐसे जातक जिनका शरीर लम्बा, दुर्बल, दाँत बड़े और पीले हों, आँखें भूरी, नसें बाहर की ओर ज़्यादा ही प्रदर्शित हों और कमज़ोर हड्डियाँ हों तो ये भी शनि देव के दुर्बल या कुपित होने के लक्षण है। ऐसे लोग अपच, संक्रामक रोग के प्रति संवेदनशील और धीमे स्वास्थ्य सुधार से परेशान रहते हैं।
ज्वर, जोड़ों में दर्द, ठंड, कोढ़, पीलिया छोटी माता, बहरापन, पक्षाघात, मिरगी और कैंसर जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कब होता है शनि कमज़ोर:
- मेष राशि में शनि नीचस्थ होता है।
- अशुभ ग्रहों से युती हो या उनकी दृष्टि पड़ रही हो तो भी ये अशुभ फल देगा।
- अस्त या वक्री होने की दशा में भी इसके शुभ फल नही मिलते हैं।
- 2रे, 7 वें, 5 वें और 8 वें भाव में हो तो भी शुभ फल नही देता है।
इन स्थानों में शनि हो तो वह अपने शुभ फल देरी से देता है लेकिन आपको उनसे वंचित नही रखता है। आपको शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय ज़रूर करने चाहिए:
- शनिवार के दिन पीपल के नीचे दिया जलाएँ और शनिदेव से आशीष प्राप्त करें।
- नीलम धारण करना भी शनि के शुभ फल पाने के लिए बहुत प्रभावशाली उपाय है।
- शनिवार को बजरंगबली के दर्शन शाम को मंदिर जाकर करें तो भी शनि का प्रकोप कम होता है। अगर आप क़र्ज़ से परेशान हैं तो आप बाएँ पैर से सिंदूर लेकर तिलक करें।
- अपने से कमज़ोर और ग़रीब लोगों को परेशान ना करें, उनका अपमान ना करें।
- शनिवार के दिन सरसों के तेल में अपना चेहरा देख कर उस तेल को दान में दें। इससे व्यापार आदि में आ रही मंदी दूर होगी।
इन उपायों से शनि के शुभ फल मिलेंगे। शनि देव की कृपा हुई तो आपको कभी पीछे मूड कर नही देखना पड़ेगा। आपको काम मिलेगा और आप ख़ूब सफलता और सम्मान प्राप्त करेंगे