बस ये ग्रह सही हो तो कभी नही होती धन और सुख की कमी

बस ये ग्रह सही हो तो कभी नही होती धन और सुख की कमी

शुक्र ग्रह शुभ ग्रह है और ये सम्पूर्ण भौतिक सुखों को देने वाला ग्रह है। पुरुषों में ये विवाह और स्त्री सुख का कारक है तो स्त्रियों में सुंदरता, आकर्षण और वैभव का कारक है। जातक चाहे स्त्री हो या पुरुष उसके जीवन में रस तब ही होता है जब शुक्र शुभ स्थिति में हो और शुभफल दे रहा हो। इसलिए बात अगर सुख की हो और जीवन को आनंद लेकर जीने की हो तो शुक्र ग्रह पर विचार बहुत ज़रूरी होता है। 

शुक्र के कमज़ोर या अशुभ होने के लक्षण

सुंदरता, आकर्षण, शिष्टता, स्नेह, प्यार और भौतिक सुखों में कमी हो या इसमें लगातार कमी आ रही हो तो शुक्र ग्रह पर विचार करना ज़रूरी है। विवाह में अनायास देरी हो रही हो तो भी शुक्र पर विचार करें। शादी के बाद वैवाहिक सुख में कमी हो आपको लगता हो की आपके आकर्षण में कमी है तो ये शुक्र के कमज़ोर होने के कारण होता है। महिलाओं में स्त्रयोचित लक्षणों की कमी भी शुक्र के कम प्रभावी होने कि ओर इशारा करती है। 

अगर बार बार आपको गुप्त रोग हो या जननांग सम्बंधी रोग हो रहे हो तो भी ये शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव के संकेत समझे जाने चाहिए। 

कुंडली के संयोग जिनसे शुक्र के शुभफल नही मिलते: 

  1. कन्या राशि में शुभ नीच का होता है इसलिए इसके शुभफल नही मिलते हैं। 
  2. शुक्र अस्त, वक्री या कमज़ोर हो तो भी शुभफल नही मिलते हैं। 
  3. पापी ग्रह से युती में हो या उनकी दृष्टि शुक्र पर पड़ रही हो तो भी ये ग्रह आपको शुभफल नही दे पता।
  4. ऐसा माना जाता है की कुंडली के ६वें और ८वें भाव में भी शुक्र अपने शुभफल नही दे पाता। 
  5. अगर शनि की राशि में नही है तो १२वें भाव में शुक्र शुभ माना जाता है। 
  6. किसी भी केंद्र भाव का स्वामी होकर अगर अपनी राशि के अलावा किसी दूसरी राशि में हुआ तो भी अशुभ माना जाएगा। 

शुक्र के उपाय: 

  • शुक्र के शुभफल ना मिल रहे हों तो आपको इसके उपाय स्वरूप कुँवारी लड़कियों की सेवा करें और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। 
  • सुहागिनों को सुहाग का सामान देने से भी शुक्र के शुभफल मिलते हैं और घर में सुख और वैभव आता है।
  • रत्नों में हीरा शुक्र ग्रह का मुख्य रत्न है। इसके अलावा स्फटिक और ओपल भी शुक्र के शुभ फल के लिए धारण किया जाता है। 
  • अपने आपको सुंदर बनाना, अच्छा इत्र या ख़ुशबू का इस्तेमाल करना, अपने आस पास सफ़ाई का ध्यान रखना भी शुक्र के शुभ प्रभाव को आकर्षित करता है। 

इंद्र देव की पत्नी सची अथवा माँ लक्ष्मी को शुक्र ग्रह की देवी कहा गया है। इनकी पूजा से भी शुक्र के शुभफल प्राप्त किए जाते हैं।